Monday, September 25, 2017

तुम दुर्गा रूप बना लेना

जो हाथ छुएँ दामन को तेरे 
उसे काट वहीँ दफना देना 
जब जब कोई महिषासुर आए 
तुम दुर्गा रूप बना लेना ||

वह दैत्य सा अट्टहास  करेगा 
वह तुम्हें कुचलना चाहेगा 
जब तुमको कोई यूँ ललकारे 
उसे शक्ति स्वरुप दिखा देना 
जब जब कोई महिषासुर आए 
तुम दुर्गा रूप बना लेना ||

वह चीख पुकार मचाएँगे ,भय खाएँगे
जब तुम्हारे भीतर का सिंह दहाड़ेगा
सीता भी तुम , तुम काली भी 
उन्हें यह बात ज्ञात करा देना 
जब जब कोई महिषासुर आए 
तुम दुर्गा रूप बना लेना ||

(बी.एच.यू. लाठी चार्ज में छात्राओं के आन्दोलन को समर्पित )


© सार्थक सागर 

4 comments:

  1. वह चीख पुकार मचाएँगे ,भय खाएँगे
    जब तुम्हारे भीतर का सिंह दहाड़ेगा
    सीता भी तुम , तुम काली भी
    उन्हें यह बात ज्ञात करा देना
    जब जब कोई महिषासुर आए
    तुम दुर्गा रूप बना लेना ||
    बहुत बढ़िया !!

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  2. बहुत सुंदर कविता भाई ! माँ दुर्गा,काली के भक्त है !! अच्छा लगा सुनकर !

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  3. धन्यवाद मित्र।

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